सुहावना मौसम

सुहावना मौसम


फिर वही अलबेली हवा, फिर वही मनभावन खुशबू,
कहीं नरम सी खुसपुसाहट, तो कहीं गरमा-गरम गुफ़्तगू,  

फिर वही नए-पुराने वादे, वही धक्के वही टेढ़े-मेढ़े रस्ते,
और फिर वही पैरी पोना-गुड मॉर्निंग-सलाम-नमस्ते,

सब कुछ जाना पहचाना सा है,
फिर भी कहीं कुछ नए की उम्मीद सी है.

एक नया अरमान इस बेक़रार दिल में सुलगने तो दो,
एक नया सपना इन मनचली आँखों में मचलने तो दो.

उन्हीं जानी पहचानी पुरानी मंज़िलों में
एक नयी अनूठी पहचान तलाशने तो दो,

अच्छा है, लौट आया है चुनाव का सुहावना मौसम,
एक बार फिर से हरे-लाल करारे नोटों की नशीली गरमाहट मिलने तो दो.    

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